
नवरात्रि हिन्दू धर्म का प्रमुख और पवित्र त्यौहार है जो कि माँ दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है। यह त्यौहार साल में दो बार गर्मी तथा सर्दी के सीजन में मनाया जाता है, जिन्हें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के नाम से पुकारा जाता है। नवरात्रि के महत्व को समझते हुए इसके अर्थ को समझना ओर भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सामान्यतया नवरात्रि का अर्थ होता है नौ रात्रि। इन दिनों दुर्गा माँ के विभिन्न रूपों की दिल से उपासना की जाती है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। हमारे देश भारत में नवरात्रि को बेहद ही जोरो शोरों से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त माता रानी का व्रत रखते हैं, भजन कीर्तन करते हैं और ध्यान एवं साधना भी करते हैं। भक्त इन नौ दिनों के त्यौहार में खुद को माता रानी को समर्पित कर देते हैं और भक्ति में विलीन हो जाते हैं। आज के लेख में हम नवरात्रि के महत्व के बारे में बताएंगे जो हर व्यक्ति को अवश्य ही जानना चाहिए।
नवरात्रि की पूजा विधि- नवरात्रि में प्रत्येक दिन का अपना अपना महत्व होता है। नौ दिनों तक दुर्गा मां के अलग अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है तथा उपवास किया जाता है।
1. कलश स्थापना- नवरात्रि के पहले दिन विधिपूर्वक घटस्थापना की जाती है। जिसके साथ ही नवरात्रि की शुरुआत मानी जाती है।
2. नौ रूपों की पूजा- नवरात्रि के नौ दिन विशेष रूप से माता के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है। ये नौ दिन भक्तों के लिए बेहद अहम होते हैं।
3. व्रत और उपवास- नवरात्रि के दौरान भक्त व्रत या उपवास रखकर माता रानी को खुश करने का प्रयास करते हैं। कुछ भक्त नौ दिनों तक दिन रात का व्रत रखते हैं तो कुछ शुरू और आखिरी दिन का व्रत करते हैं। इसके साथ ही भक्त इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करते हैं।
4. गरबा और डांडिया- नवरात्रि में भारत के कई राज्यों में विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में गरबा और डांडिया का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाता है। इस दौरान भक्त माता रानी के गानों पर खूब झूमते गाते हैं और हर्षोल्लास का माहौल बनाते हैं।
5. कन्या पूजन- नवरात्रि के दौरान सातवे, आठवे या नौंवे दिन छोटी छोटी लड़कियों का कन्या पूजन किया जाता है तथा इन छोटी कन्याओं को माँ दुर्गा का रूप मानकर उनका आदर सत्कार किया जाता है।
नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है बल्कि यह हमें एकजुट होकर प्रेम भाव से मिलकर रहने का सन्देश देता है। यह पर्व लोगों को एक नई ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता से भर देता है। इस दौरान लोग आध्यात्मिक जीवन में लिप्त हो जाते हैं, जिससे मन शांत हो जाता है तथा आत्मबल बढ़ता है। अगर आपकी माता रानी पर आस्था है तो एक बार दिल से जरुर कहें…
“जय माता दी।।”