
युवा किसी भी देश की ताकत और भविष्य की नींव होते हैं। उनकी सोच, विचार, ऊर्जा और उत्साह समाज को प्रगति के पथ पर ले जाने का काम करते हैं। लेकिन आज समाज का भविष्य अंधकार की ओर बढ़ रहा है। जिसकी वजह है “नशा”।
नशा एक ऐसी बीमारी है जो कि धीरे-धीरे हमारी आदत बनती है। पहले व्यक्ति इसे पीता है और बाद में यह व्यक्ति को पीना शुरू कर देती है। यह इंसान की सोचने समझने की क्षमता को खत्म करके उसके जीवन को बदतर बना देती है।
नशे का बढ़ता ट्रेंड आज समाज के लिए घातक साबित हो रहा है। यह आज एक वायरस की तरह हो गया है जोद धीरे-धीरे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता जाता है। यही वजह है कि नशा अब एक व्यक्ति या परिवार की समस्या नहीं रह गया है बल्कि यह एक सामाजिक समस्या बन चुका है। जिसने हमारे समाज में युवाओं, वयस्कों तथा महिलाओं को भी अपना आदि बना दिया है।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि आखिर क्यों देश का युवा नशे का आदि हो रहा है? इसके क्या दुष्परिणाम हैं? तथा इससे बचने के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं।
आखिर क्यों युवा नशे का आदि हो रहा है?
1. दोस्तों का दबाव- ज्यादातर युवा अपने दोस्तों के कहने पर नशे की शुरुआत करते हैं। धीरे-धीरे वे नशे के आदि हो जाते हैं।
2. तनाव और अवसाद- आजकल युवा पढाई, करियर और निजी जीवन में चल रही समस्याओं के चलते तनाव का शिकार हो जाते हैं। जिसके चलते वे नशे जैसी बुरी आदत को राहत का जरिया बना लेते हैं।
3. फिल्मों और सोशल मीडिया का प्रभाव- आजकल हर फिल्म में तथा सोशल मीडिया में मुख्य कलाकार द्वारा नशा करना एक स्टाइल के रूप में दिखाया जाता है। अधिकांश युवा अपने पसन्दीदा एक्टर की आदतों को अपने जीवन में भी अप्लाई करते हैं जिसके चलते वे नशे जैसी आदत के आदि हो जाते हैं। बड़ी बात तो यह है कि युवाओं को इस बात का एहसास तक नहीं है कि वे एक बुरी आदत को अपने जीवन में अपना रहे हैं।
4. जिज्ञासा- युवाओं की बढ़ती जिज्ञासा ही उन्हें नशे की दुनिया की ओर ले जाती है। अक्सर युवा यह जानना चाहते हैं कि नशे में ऐसा क्या खास है जो लोग इसके आदि हो जाते हैं। और धीरे धीरे यह उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है।
इसके दुष्परिणाम क्या है?
1. स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव- नशा करने से शारीरिक और मानसिक सन्तुलन प्रभावित होता है। इसके अलावा कई गम्भीर बीमारियां भी हो जाती हैं।
2. पढाई औऱ करियर पर प्रभाव- जब युवा नशे की लत से ग्रस्त हो जाता है तो वो पढाई और अपने जीवन के लक्ष्य से भटक जाता है। वह केवल नशे के बारे में ही सोचता है।
3. परिवार और समाज से दूरी- जब व्यक्ति नशे का आदि हो जाता है तो वह हर बुरी आदत को अपनाने लगता है। जैसे झूठ बोलना, झगड़े करना आदि। और वह धीरे धीरे अपनों से तथा अपने आप से भी दूर होता चला जाता है।
4. अपराध की ओर रुझान- जब व्यक्ति नशे का शिकार हो जाता है तो वह अपने नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए अपराध जैसी राह पर निकल पड़ता है। और चोरी, ठगी तथा अन्य अपराधों का भागीदार बन जाता है।
समाधान क्या हो सकते हैं?
1. जागरूकता फैलाना- नशे जैसी बुरी लत से छुटकारा पाने के लिए समाज में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाना जरूरी है। स्कूल, कॉलेजों तथा घर घर जाकर नशे के दुष्परिणामों को बताना अत्यंत आवश्यक है।
2. परिवार का सहयोग- माता पिता को अपने बच्चों को हर तरह से सपोर्ट करना होगा। कहीं दोस्त बनकर तो, कहीं नरमाई से, तो कभी सख्ताई से। परिवार का सहयोग बच्चों को अच्छे हर सही दिशा में चलने के लिए बहुत जरूरी है।
3. सकारात्मक माहौल- हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि एक बच्चे को हमेशा सही और अच्छा माहौल मिले। क्योंकि बच्चे वहीं करते हैं जो वे अपने आस पास के लोगों को करते देखते हैं।
4. सरकारी और सामाजिक प्रयास- सरकार और सामाजिक संगठन को मिलकर पुनर्वास केंद्रों तथा परामर्श सेवाओं को ओर भी सुलभ बनाना चाहिये।
हमें यह हमेशा याद रखना होगा कि नशा एक गम्भीर समस्या है। जिससे आज हमारे देश का हर दूसरे युवा ग्रसित है। यह उस दीमक की तरह है जो हमारे देश की युवा को अंदर ही अंदर तबाह कर रहा है। इसीलिए नशे की इस बुरी लत को हमें जड़ से खत्म करना होगा। यह केवल मेरी या आपकी समस्या नहीं है बल्कि पूरा देश इसकी चपेट में है। इससे बचने के लिए हमें जागरूकता, सही मार्गदर्शन, सही माहौल और परिवारिक सहयोग को बढ़ावा देना होगा। अगर समय रहते सही कदम उठाएं जाएं तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
“युवाओं को नशे की गिरफ्त में नहीं बल्कि,
सपनों के आसमान में आज़ाद पंछी की तरह उड़ना चाहिए।।”